5. नवपंचम योग: दो ग्रह एक दूसरे से 120 डिग्री पर अर्थात पाँचवें व नवें स्थान पर समान अंश में हो तो यह योग होता है।
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5. नवपंचम योग: दो ग्रह एक दूसरे से 120 डिग्री पर अर्थात पाँचवें व नवें स्थान पर समान अंश में हो तो यह योग होता है।
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सूर्य व चंद्र क्रूर ग्रहों से युत या दृष्ट हों, वक्री ग्रहों की राशि में त्रिक भावों में हों तो आंखें टेढ़ी होती हैं और यदि समान अंश पर हों तो आंखों में चिह्न होता है।
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इसके अलावा भी अन्य मिश्रणों का भी उल्लेख मिलता है जैसे-छह भाग कुष्ठ, दो भाग गुड़, तीन भाग लाक्षा, पाँचवाँ भाग नखला, हरीतकी, राल समान अंश में, दपै एक भाग, शिलाजय तीन लव जिनता, नागरमोथा चार भाग, गुग्गुल एक भाग लेने से अति उत्तम धूप तैयार होती है।
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हेतेस्बरी और अन्य लोगों ने गणितीय रूप से सामान त्वरित गति करती हुई एक वस्तु के द्वारा तय की गयी दूरी को निर्धारित किया (आज इसे समाकलन (integration)के द्वारा हल किय जाता है), उन्होंने स्थापित किया की “एक गतिमान वस्तु समान रूप से वृद्धि (गति की) को प्राप्त कर रही है या खो रही है, वह दिए गए समय में उतनी ही दूरी तय करेगी जितनी कि वह तब करती जब यह समान समय के दौरान लगातार समान अंश के साथ गति करते हुए कर पाती.